
भारत में लाखों लोग ऐसे हैं जिन्हें कानूनी मदद की ज़रूरत होती है लेकिन वे वकील की फीस नहीं चुका सकते। ऐसे लोगों के लिए भारत सरकार ने फ्री लीगल एड (Free Legal Aid) की सुविधा शुरू की है, जिसके तहत जरूरतमंदों को मुफ्त में वकील, सलाह और कानूनी सहायता मिलती है।
इस ब्लॉग में आप जानेंगे:
✅ 1. फ्री वकील की सुविधा कौन देता है?
भारत सरकार के नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (NALSA) और District Legal Services Authority (DLSA) द्वारा यह सुविधा दी जाती है। यह संविधान के अनुच्छेद 39-A के तहत हर नागरिक को न्याय पाने का अधिकार देता है, चाहे उसकी आर्थिक स्थिति कैसी भी हो।
✅ 2. कौन लोग इस सुविधा के लिए पात्र हैं?
फ्री वकील पाने के लिए निम्नलिखित श्रेणियों के लोग पात्र होते हैं:
- बीपीएल (BPL) कार्ड धारक
- अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति
- महिलाएं और बच्चे
- वरिष्ठ नागरिक (60 वर्ष से अधिक)
- दिव्यांग (Persons with Disabilities)
- मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति
- हिरासत में या जेल में बंद व्यक्ति
- आपदा या ट्रैफिक पीड़ित
✅ 3. फ्री वकील कैसे मिलता है? आवेदन की प्रक्रिया
📝 ऑफलाइन आवेदन:
- अपने जिले के DLSA कार्यालय जाएं
- आवेदन पत्र भरें (आपके पास पहचान और गरीबी प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेज़ होने चाहिए)
- कर्मचारी आपकी पात्रता जांचेंगे और वकील नियुक्त करेंगे
🌐 ऑनलाइन आवेदन:
आप NALSA की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं।
✅ 4. क्या सेवा केवल कोर्ट केस में मिलती है?
नहीं, फ्री लीगल एड के अंतर्गत आपको निम्नलिखित सेवाएं मिल सकती हैं:
- कानूनी सलाह
- कोर्ट में वकील की नियुक्ति
- लीगल डॉक्युमेंट तैयार करना
- लोक अदालत के ज़रिए विवाद समाधान
✅ 5. जरूरी दस्तावेज़:
- आधार कार्ड / वोटर ID
- गरीबी रेखा का प्रमाण (BPL कार्ड या इनकम सर्टिफिकेट)
- जाति प्रमाणपत्र (यदि लागू हो)
- FIR या केस से जुड़े दस्तावेज़ (यदि उपलब्ध हों)
- फोटो
🔗 जरूरी लिंक:
हेल्पलाइन नंबर:
Toll free Telephone Helpline ; 15100 or 1516
🔚 निष्कर्ष:
न्याय सबका अधिकार है, न कि सिर्फ अमीरों का। अगर आप या आपके जानने वाले कोई व्यक्ति कानूनी मदद लेना चाहता है लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर है, तो फ्री लीगल एड का लाभ जरूर लें। यह सरकार की एक बहुत ही प्रभावी और संवेदनशील योजना है।